🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 17 जून 2022*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ऋतु*
🌤️ *मास -आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार -ज्येष्ठ)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – तृतीया सुबह 06:10 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराषाढा सुबह 09:56 तक तत्पश्चात श्रवण*
🌤️ *योग – इंद्र शाम 05:18 तक तत्पश्चात वैधृति*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:59 से दोपहर 12:40 तक*
🌞 *सूर्योदय – 05:58*
🌦️ *सूर्यास्त – 19:20*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय : रात्रि 10:40), चतुर्थी क्षय तिथि, विद्यालाभ योग,( गुजरात- महाराष्ट्र छोड़कर भारत भर में)*
🔥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है एवं चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *अधिक गर्मी में* 🌷
🔥 *गर्मी का अहसास होता हो तो सौंफ, धनिया और मिश्री समभाग कूट के रखो और १० ग्राम चबा-चबा के खाते जाओ और बीच में पानी पीते जाओ अथवा खूब घोंट के पानी डाल के ठंडाई बना के पियो, तबियत अच्छी रहेगी ।*
🌷 *जन्म दिवस पर* 🌷
👉🏻 *जन्म दिवस के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए घी, दूध, शहद और दूर्वा घास के मिश्रण की आहुतियाँ डालते हुए हवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में कितने भी दुःख कठिनाइयाँ, मुसीबतें हों या आप ग्रहबाधा से पीड़ित हों, उन सभी का प्रभाव शांत हो जायेगा और आपके जीवन में नया उत्साह आने लगेगा। अथवा शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ॐ नमः शिवाय। का 108 बार जप करें।*
🌷 *अकाल मृत्यु व घर में बार बार मृत्यु होने पर* 🌷
➡️ *जिसे मौत का भय होता है या घर में मौतें बार-बार होती हों, तो शनिवार को “ॐ नमः शिवाय” का जप करें और पीपल को दोनों हाथों से स्पर्श करें l खाली १०८ बार जप करें तो दीर्घायुष्य का धनी होगा l अकाल मृत्यु व एक्सिडेंट आदि नहीं होगा l आयुष्य पूरी भोगेगा l ऐसा १० शनिवार या २५ शनिवार करें, नहीं तो कम से कम ७ शनिवार तो ज़रूर करें l*
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