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🌹🌷🚩🕉️ || मौनी अमावस्या ||🌹🌷🚩 🕉️
. *29 जनवरी 2025 बुधवार*
मौनी अमावस्या का व्रत हर वर्ष माघ माह की अमावस्या तिथि पर रखा जाता है। इसे माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष यह व्रत 29 जनवरी, बुधवार को यह व्रत रखा जाएगा, और इसी दिन प्रयागराज महाकुंभ में अमृत स्नान भी रहेगा।
*🌘मौनी अमावस्या व धार्मिक मान्यता-:*
* धार्मिक ग्रंथों में अमावस्या तिथि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन गंगा स्नान, दान और पितरों की पूजा के लिए समर्पित होता है। प्रत्येक अमावस्या का अपना विशेष महत्व होता है, लेकिन मौनी अमावस्या को इनमें सबसे खास माना गया है। इस दिन मौन रहकर व्रत करने की परंपरा है। इसे जप, तप और साधना के लिए सबसे उपयुक्त समय माना गया है।
*🌘मौनी अमावस्या पर मौन रखने का कारण-:*
* मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का विधान है। साधक इस दिन मौन रहकर व्रत करते हैं, जो मुख्यतः आत्मसंयम और मानसिक शांति के लिए किया जाता है। यह व्रत साधु- संतों के द्वारा भी किया जाता है, क्योंकि मौन रहकर मन को नियंत्रित करना और ध्यान में एकाग्रता लाना सरल हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मौन व्रत से व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसके माध्यम से वाणी की शुद्धता और मोक्ष की प्राप्ति संभव है। यह व्रत आत्मिक शांति और साधना में गहराई लाने का एक सशक्त माध्यम है//
*🌘मौनी अमावस्या व्रत के नियम-:*
* इस दिन प्रातःकाल गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो घर में स्नान के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान करना चाहिए।
* स्नान के उपरांत भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए, उसके उपरांत पितरों का तर्पण करना चाहिए और भगवान के समक्ष पूजा उपासना करने के उपरांत मौन व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
* व्रत के दौरान किसी प्रकार का बोलना वर्जित है। इस दिन ज्यादा समय मौन में बिताना चाहिए। ध्यान- जप इत्यादि करना काफी लाभदायक होता है। इस दिन फालतू- अनर्गल वार्तालाप तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए।तिथि समाप्त होने के बाद मौन व्रत पूर्ण करें एवं व्रत खोलने से पहले भगवन नाम का जाप करते हुए व्रत खोलें।
* मौनी अमावस्या का व्रत आत्मसंयम, शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। यह व्रत मन और वाणी को शुद्ध करता है और आत्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत को करने से मान- सम्मान की वृद्धि होती है और साधक की वाणी में मधुरता आती है। साथ ही, यह व्रत व्यक्ति के आंतरिक और बाहरी जीवन में संतुलन लाने में सहायक होता है।
* इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान- पुण्य करना बताया गया है। इस दिन किया हुआ दान-पुण्य कई गुना शुभ फल प्रदान करता है।
* मौनी अमावस्या का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आत्म- नियंत्रण और ध्यान के माध्यम से मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करता है। मौनी अमावस्या पर विधिवत व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा का विशेष प्रभाव आपके तन- मन व विचारों पर देखने को मिलेगा//
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