बीकानेर, 1 जनवरी। आपदा प्रबंधन तथा सहायता विभाग मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि शिक्षा के बिना मनुष्य के सर्वांगीण विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती।मेघवाल शनिवार को अणखीसर के ग्राम पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अंधकारमय होता है तथा मनुष्य का विकास अवरूद्ध हो जाता है। आज के दौर में शिक्षा का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इसके मद्देनजर प्रत्येक व्यक्ति जाति-पाति से ऊपर उठकर स्वयं के शैक्षणिक विकास तथा देश के सर्वांगीण विकास में भागीदारी निभाए। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के निवासी हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हमें संविधान दिया। जिसकी बदौलत आज पूरा देश एक सूत्र में बंधा हुआ है। लोकतंत्र ने हमें वोट का अधिकार दिया है। यह अधिकार प्रत्येक मतदाता को समान रूप से प्राप्त है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश के विकास को गति मिली तथा शिक्षा, चिकित्सा, सड़क सुदृढ़ीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। जिनकी बदौलत आज हमारा जीवन स्तर सुधरा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत चहुंमुखी विकास के विजन के साथ कार्य कर रहे हैं। कोरोना की प्रतिकूल परिस्थितियों में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रबंधन किया गया। इस दौरान सरकार ने जीवन रक्षा को सर्वोपरि मानते हुए कार्य किया, जिसकी पूरे देश में सराहना की गई।
इस अवसर पर आपदा प्रबंधन मंत्री ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी तथा आमजन से बातचीत मुलाकात की। उन्होंने अणखीसर के ग्राम पंचायत भवन का अवलोकन किया।
इस दौरान कार्यक्रम में उरमूल ज्योति के चेतन राम गोदारा, काकड़ा सरपंच भगवान डेलू, गजस्वरूपदेसर के नवल सिंह, बेरासर के हरिराम सारण, सुखदेव, रामलाल, रामस्वरूप जाखड़ सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
विभिन्न स्थानों पर हुआ मंत्री मेघवाल का स्वागत
इससे पहले आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल का रासीसर तथा सलूंडिया में ग्रामीणों द्वारा साफा, शॉल और माला पहनाकर स्वागत किया गया। रासीसर में सरपंच उदाराम मेघवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मंत्री का भव्य स्वागत हुआ।