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*मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना*
*राजस्थान के युवाओं को रोजगार से जोड़ने का सुनहरे अवसर*
बीकानेर, 21 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार और आजीविका के नए अवसर प्रदान किया जा रहे हैं। युवाओं को उन्नत कौशल प्रदान करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में से ‘मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना’ भी युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में एक बेहतरीन पहल साबित हो रही है। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना ना केवल युवाओं को रोजगार के योग्य बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर कर रही है।

*मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनान्तर्गत 50 हजार युवा होगें प्रशिक्षित*
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तीन प्रमुख कार्यक्रमों में लगभग 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कौशल विकास से जोड़ने हेतु राजस्थान में राजक्विक‚ सक्षम एवं समर्थ नामक तीन योजनाएं संचालित की जा रही है। राजक्विक के तहत 223 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 123 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इस योजना का लक्ष्य 30 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करना है। इसी प्रकार सक्षम के लिए 92 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 62 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसका उद्देश्य 12 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करना है।समर्थ में 241 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 159 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसके तहत 8 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
आरएसएलडीसी के नेतृत्व में इस योजना के तहत राजस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां युवाओं को उभरते हुए औद्योगिक क्षेत्रों के अनुरूप आधुनिक और प्रासंगिक कौशलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

*एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड* आरएसएलडीसी द्वारा इस योजना में भाग लेने वाली एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड निर्धारित किए गए हैं। एजेंसियों के औसत वार्षिक टर्नओवर और सक्रिय कौशल विकास केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। साथ ही, ग्रीन जॉब्स (पर्यावरण संबंधित नौकरियां), फ्यूचर स्किल्स (भविष्य के कौशल), टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी (पर्यटन और आतिथ्य), हैंडीक्राफ्ट्स (हस्तशिल्प), और फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) जैसे उभरते क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल वही एजेंसियां आवेदन करें, जो इन क्षेत्रों में गहन अनुभव रखती हों और उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग प्रदान कर सकें।

*मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था* इस योजना के तहत प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र की मॉनिटरिंग आईपी कैमरों के माध्यम से की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी केंद्रों में गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। यह मॉनिटरिंग सिस्टम आरएसएलडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हर एक युवा को बेहतरीन प्रशिक्षण मिले और वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकें।

इस योजना की सफलता से राजस्थान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि राज्य के युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अद्वितीय मौका भी मिलेगा।यह योजना राज्य के युवा वर्ग के लिए रोजगार के बेहतर अवसर खोलने में मील का पत्थर साबित हो रही है। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने एवं उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए नया आयाम प्रदान कर रही है।

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