बोर्ड अध्यक्ष भी हो स्कूल संचालकों मे से- उठ रही मांग
जयपुर । अशोक गहलोत सरकार मे लगातार निजी स्कूल के संचालकों को भी राज्य सरकार में पूरा महत्व दिया जा रहा है। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनते ही पूरे राज्य में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति में राजस्थान के अनेक जिलों में निजी विद्यालयों के संचालकों को इससे जोड़ा । इससे निजी स्कूल संचालकों में बेहद खुशी की लहर है । पूर्व में निजी स्कूल संचालकों को ऐसा लग रहा था कि सरकार निजी स्कूल के संचालकों को कोई महत्व नहीं दे रही है लेकिन इस सरकार में निजी स्कूल के अनेकों संचालकों को सरकार मैं कई पदों पर आसीन किया गया है । कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला के करीबी लोगों में पिछले महीने भी राजस्थान शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थान के राज्य स्तरीय समिति में बीकानेर के सूरज बालवाडी विद्यालय के संचालक किशन कुमार स्वामी को सदस्य बनाया गया ।बीकानेर के स्टेपिगं स्टोन स्कूल के संचालक संजय आचार्य ,डॉक्टर एसएन सुबाराव के साथ पिछले 20 वर्षों से कार्य कर रहे गांधीवादी विचारक विक्टोरियस पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संचालक मनोज व्यास को भी गांधी जीवन दर्शन समिति में शामिल कर उनकी भी सरकार में भागीदारी सुनिश्चित की थी। बीकानेर के अरविंद बाल मंदिर के संचालक श्री सोहन लाल जोशी को भी राजस्थान शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थान के जिला स्तरीय समिति में शामिल किया गया है। हाल ही में गणतंत्र दिवस के अवसर पर नालंदा पब्लिक सी सेकेंडरी स्कूल के संचालक श्री राजेश रंगा को भी जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। इस प्रकार निजी स्कूल के संचालकों का भी सरकार के प्रति लगातार विश्वास बढ़ता जा रहा है।
बोर्ड अध्यक्ष भी स्कूल संचालकों में से ही हो
स्कूल संचालकों की मांग है कि बोर्ड का अध्यक्ष भी स्कूल संचालकों में से होना चाहिए क्योंकि स्कूल के कार्यप्रणाली का अनुभव स्कूल संचालकों को ज्यादा होता है लेकिन पिछले कई दशक से देखा जा रहा है कि बोर्ड का अध्यक्ष कॉलेज एजुकेशन से ही बनाया जाता रहा है जबकि उनको उच्च शिक्षा के अनेक क्षेत्रों में अवसर दिया जा सकता है।