चुनावी रण की तैयारी
प्रदेश में 13 महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार सरगर्मियां जारी है मुख्यमंत्री से लेकर एमएलए तक के पद पर आसीन होने की ललक को लेकर सभी स्तर की राजनीतिक पार्टियों के लोग अपनी अपनी उपस्थिति अब जनता के बीच देने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी अब अपने राजस्थान भर के दौरों में तेजी कर दी है । दूसरी और अशोक गहलोत के धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी अब चुनावी मोड में आ चुके हैं वे राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी बड़ी रैलियां कर अपना शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पूर्ण रूप से चुनावी मोड में आ चुकी है वह भी अब राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में अपने संपर्क के लोगों के साथ विभिन्न रैलियां और मीटिंग्स कर अपनी मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे रहने की कोशिश कर रही है दूसरी और मुख्यमंत्री के दावेदार माने जाने वाले ओम बिरला केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मुख्यमंत्री के दावेदार माने जाते हैं अब भाजपा में भी राजस्थान का मुखिया बनने के लिए वर्चस्व की लड़ाई दिखाई दे रही है। दीपावली के त्योहारों मैं सोशल मीडिया और शहर के विभिन्न चौराहों पर यदि हमारी नजर डाले हैं तो इन पार्टियों के नेताओं ने लोगों को शुभकामनाएं देने के बहाने चुनाव में अपने प्रत्याशी बनने के संकेत देते नजर आ रहे हैं । फेसबुक पर इस तरह की गतिविधियां अधिक देखी गई क्योंकि यह सबसे सरल और आसान तरीका है ।
बीकानेर में सियासी भूचाल
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पिछले दिनों बीकानेर दौरे के बाद यहां राजनीतिक सरगर्मियां और तेज हो गई है। देवी सिंह भाटी कलेक्ट्रेट में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर जनता का अपना ध्यान खींचा है तो इसी पार्टी के विजय मोहन जोशी ,विजय आचार्य, महावीर रांका ,अविनाश जोशी और जेठानंद व्यास भी अपनी अपनी उपस्थिति अपने तरीके से दे रहे हैं।
सिद्धि कुमारी सेफ मोड में
बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार विधानसभा सदस्य रही रह रही पूर्व राजघराने की राजकुमारी सिद्धि कुमारी पूर्ण रूप से सेफ मोड में दिखाई दे रही है इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पास सिद्धि कुमारी के अलावा कोई सशक्त विकल्प नहीं है और कांग्रेस लगातार तीसरी बार हार का सामना कर चुकी है क्योंकि पूर्व क्षेत्र के लोगों का राजघराने के प्रति बहुत आस्था है और सिद्धि कुमारी तीसरे कार्यकाल तक भी कभी किसी भी विवाद में नहीं रही और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सबसे निकट विधानसभा सदस्य भी मानी जाती है बीकानेर दौरे के दौरान वसुंधरा राजे का सिद्धि कुमारी के यहां पर ही ठहर ना उसका जीता जागता उदाहरण है
कांग्रेस में विकल्प मुश्किल
दूसरी और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने भी अपने कार्यालय में लोगों के साथ दीपावली की शुभकामनाओं को साझा किया साथ ही उनके परिवार के लोगों ने फेसबुक पर दीपावली की शुभकामनाएं देकर जनता के बीच में अपनी उपस्थिति को कायम रखा । डाॅ बी डी कल्ला दीपावली के अवकाश के दौरान बीकानेर के अपने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न मोहल्लों में भी लोगों से व्यक्तिगत मिलते दिखाई दिए । बीकानेर प्रवास के दौरान स्थानीय कार्यक्रमों में डॉ कल्ला कि सक्रियता विपक्षी दल को अपनी गतिविधियां तेज करने के लिए मजबूर कर रही है। विपक्षी पार्टी भाजपा में विधानसभा चुनाव को लेकर कई प्रत्याशियों के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन कांग्रेस में बीकानेर पश्चिम से केवल बी डी कल्ला का नाम आज भी सिरमौर पर है ।कांग्रेस के अन्य नेतागण दबी जुबान उदयपुर संकल्प को दोहराते भी नजर आ रहे हैं और वह 50 साल से नीचे के प्रत्याशियों में बीकानेर पश्चिम के नंबर आने की आशंका को भी कम नहीं मानते हैं । इसी के चलते कल्ला परिवार के अन्य व्यक्ति भी अगले विधानसभा चुनाव में यदि किसी प्रकार की उठापटक होती है तो अपने को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए पूर्ण रूप से तैयारी में जुट गए हैं।
पब्लिक सब जानती है
नेता भले ही दीपावली की शुभकामनाओं के बहाने जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन पब्लिक सब जानती है की जो लोग इस दीपावली शुभकामनाओं के बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर और फेसबुक पर अपनी पोस्ट लगाकर जनता के बीच में अपनी उपस्थित दर्ज करवाने की कोशिश कर रहे हैं वे लोग कोरोना महामारी में नदारद थे और शहर की विभिन्न समस्याओं की तरफ इनका कोई ध्यान नहीं रहा है। पब्लिक सब जानती है कि दोनों पार्टियों के कौन-कौन नेता कोरोना जैसी महामारी के दौरान लोगों के साथ खड़े रहे।